कविता: बात बात में बात इतनी जज्बाती क्यों हो गई?


आज की कविता कुछ अलग नए अंदाज में मुझे उम्मीद है, आपको जरूर अच्छी लगेगी



Image: Flowers Yellow Aboli


यह अबोली के फूल हैं अबोली का अर्थ मराठी में जो अबोल मतलब बोलती नहीं, ऐसा है  क्या यह कभी किसीसे नाराज हो सकती है? इसका तो नाम ही अबोली है,  इसलिए अबोल ही रहती है यह कविता इस अबोली की कविता है...


हालात भी कभी-कभी  कैसे अजीब बनतें हैं 
हम अपनी उलझनों से परेशान रहतें हैं
और वो समझतें हैं कि उनसे नाराज हो बैठें हैं 
बेवजह ही नाराज हो इतने पागल तो हम नहीं 
जरा यह भी तो सोचिए! 
हमें अपने गम भी कुछ कम नहीं 
जरूरी ये नहीं की दोस्ती बढ़ती है,
बातों से, इजहार से ...
चुपचाप बैठे उन्हें याद करने का मजा भी तो कुछ और ही है 
दिल की बात जानतें ही हैं वो 
तो शिकायत भला किस बात की 
हम चुप रहे भी जरासा तो ये बेचैनी किस बात की 
जब ख्वाहिशें सारी दिल की आझाद हो गई 
अब बात करें भी तो करें किस बात की 
जब दिलसे ही दिल की मुलाकात हो गई 
अब भला हमें - उन्हें शिकायत हो किस बात की 
समझतें हैं दिल की बात, तो यह तकरार क्यों हो गई?
बात बात में बात इतनी जज्बाती क्यों हो गई? 

यहाँ तापमान बहुत बढ़ रहा है और अभी दो और महीने तापमान बढ़ता ही जाएगा ऐसे में लिखना भी बहुत मुश्किल होता है, पर यह कविता ही तो एक है, जो सुकून लाती है आज भी यह कविता गर्मी की परेशानी में ही सूझी..!